By~ Scholar Planet
Created At: 20 Aug, 2025
आज की दुनिया जिस सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है, वह है ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming)। बढ़ता तापमान, बदलते मौसम, ग्लेशियरों का पिघलना और बाढ़-सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएँ इस समस्या की गवाह हैं। ऐसे समय में दुनिया की नज़र ग्रीन एनर्जी (Green Energy) की ओर मुड़ रही है – यानी ऐसी ऊर्जा जो प्रदूषण कम करे और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित वातावरण दे।
भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है, इस दिशा में एक नई ऊर्जा यात्रा (Energy Journey) पर निकल चुका है।
ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण है फॉसिल फ्यूल्स (कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस) का अत्यधिक उपयोग। इनके जलने से वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), मीथेन (CH₄), नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) जैसे ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा बढ़ती है।
🌡️ इससे पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ रहा है।
🌊 समुद्र का स्तर लगातार ऊपर उठ रहा है।
🌪️ तूफ़ान, बाढ़ और हीटवेव जैसी घटनाएँ अधिक खतरनाक हो गई हैं।
🌾 खेती और खाद्य सुरक्षा पर भी असर पड़ रहा है।
भारत जैसे देश, जहाँ आबादी ज़्यादा है और संसाधन सीमित हैं, के लिए यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
यहाँ की 70% से अधिक बिजली अभी भी कोयले से बनती है।
आने वाले वर्षों में ऊर्जा की माँग और बढ़ेगी।
अगर हम पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर ही निर्भर रहेंगे तो प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा।
ग्रीन एनर्जी यानी ऐसी ऊर्जा जो पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना मिले। इसमें शामिल हैं:
☀️ सौर ऊर्जा (Solar Energy)
💨 पवन ऊर्जा (Wind Energy)
💧 जल विद्युत (Hydropower)
🌿 बायोमास और बायोगैस
🌊 टाइडल और वेव एनर्जी
भारत इन सभी क्षेत्रों में तेज़ी से काम कर रहा है।
सौर ऊर्जा क्रांति (Solar Revolution):
भारत ने 2015 में "International Solar Alliance (ISA)" की शुरुआत की, जिसमें 100 से अधिक देश जुड़ चुके हैं। आज भारत दुनिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा बाज़ारों में से एक है।
पवन ऊर्जा (Wind Energy):
तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
हाइड्रोजन मिशन (Green Hydrogen):
भारत ने 2021 में "नेशनल हाइड्रोजन मिशन" शुरू किया। इसका मक़सद है ग्रीन हाइड्रोजन से वाहनों और उद्योगों को चलाना।
इलेक्ट्रिक वाहन (EV Revolution):
सरकार की नीतियों और सब्सिडी से आज भारत में ई-वाहनों (Electric Vehicles) की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। इससे पेट्रोल-डीज़ल पर निर्भरता कम होगी।
2030 तक भारत का लक्ष्य है 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता।
2070 तक भारत ने नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है।
आज भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है जब बात आती है नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश की।
चुनौतियाँ:
शुरुआती निवेश (Initial Investment) बहुत बड़ा है।
ऊर्जा स्टोरेज (Storage) और ट्रांसमिशन की दिक़्क़तें।
पारंपरिक ऊर्जा पर निर्भर उद्योगों का विरोध।
संभावनाएँ:
🌞 भारत में धूप और हवा की प्रचुरता।
🌍 वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती नेतृत्व क्षमता।
👩🎓 युवाओं और स्टार्टअप्स की नई सोच।
ग्लोबल वार्मिंग का सामना करने का सबसे प्रभावी तरीका है ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ना। भारत ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं और आने वाले समय में यह यात्रा न केवल भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर (Energy Independent) बनाएगी बल्कि दुनिया के लिए एक ग्रीन मॉडल भी पेश करेगी।
आख़िरकार, आज़ादी सिर्फ़ राजनैतिक नहीं, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता भी है। जब भारत ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ेगा, तभी हम आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और समृद्ध भारत सौंप पाएँगे।
👉 आप क्या सोचते हैं – क्या भारत 2070 से पहले ही नेट ज़ीरो हासिल कर पाएगा?
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20 Aug, 2025
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20 Aug, 2025
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20 Aug, 2025
Ha agar hum paryatan sheel rahe to kar payenge